Wednesday, December 31, 2008

नव वर्ष शुभ हो

ये जो नया वर्ष आया है खड़ा द्वार पर दस्तक देता
आशा है इसकी थैली में खुशियों वाली पूँजी होगी
जिसे आपके साथ करे वह खर्च और स्थितियाँ बेहतर हौं
अभिलाषा बस यही एक है, और न कोई दूजी होगी

लिप्सा और लालसा को यह जगह न दे जो पांव रखें वे
हाथ पकड़ कर सबका, आगे प्रगति पंथ पर लेकर जाये
एक कामना है यह मेरी, शांति और सौहार्द्र बहे नित
नये वर्ष की भोर सभी के द्वारे पर सौरभ बिखराये

8 comments:

  1. तो अब चार धाम कि यात्रा करवायेंगे आप :)
    आपको, दीदी और गुडिया को नये वर्ष की ढेर शुभकामनायें !

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  2. diwali par ise yoon hee shayamal chhod denge ? :)

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  3. What have you thought about this site Guruji?

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  4. ब्लॉग की दुनियां में कुछ दिन पहले ही कदम रखा है आज अचानक आपके ब्लॉग पर नजर पड़ी तो ह्रदय पुष्प पुलकित हो गया. परम आदरणीय आपकी कुछ रचनाएँ पढ़ चुका हूँ अब "गीतकारजी" और "गीत कलश" पर बार बार आता रहूँगा और आपकी लेखनी के जादू से सजे मोतियों को पढ़ता रहूँगा. सादर

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  5. जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई और शुभकामना!

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